Shodashi Things To Know Before You Buy

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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।

If the Shodashi Mantra is chanted with a clear conscience as well as a established intention, it might make any want appear genuine for you.

They had been also blessings to get materialistic blessings from distinct Gods and Goddesses. For his consort Goddess, he enlightened human beings With all the Shreechakra and so as to activate it, just one must chant the Shodashakshari Mantra, which can be also called the Shodashi mantra. It is claimed to become equivalent to many of the sixty four Chakras place alongside one another, coupled with their Mantras.

मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले get more info में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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